Class 10 Math Exercise 1.2 new syllabus वास्तविक संख्याये के इस अध्याय में कुल 03 प्रश्न हैं जिनका हल नीचे दिया गया है इस अध्याय Class 10 Math Exercise 1.2 new syllabus में नई शिक्षा नीति के अनुसार नए प्रश्नों के हलों का समावेश है |
Class 10 math exercise 1.2 New syllabus
प्रश्न 01-
सिद्ध कीजिये कि एक अपरिमेय संख्या है |
हल-
माना कि √5 एक परिमेय संख्या है
इसलिए, माना
√5 =
जहाँ a और b पूर्णांक हैं तथा a और b में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ट गुणनखंड नहीं है
a = √5b
.....................................(i)
अतः 5, a 2 को विभाजित करता है |
इसलिए 5, a
को विभाजित करेगा .....................................(ii)
अब, माना a
= 5k, जहाँ k
कोई पूर्णांक है |
समीकरण (i)
में a का मान रखने पर,
(5k)2 = 5b 2
5k 2 = b 2
अतः 5, b 2 को विभाजित
करेगा |
इसलिए 5, b को भी विभाजित करेगा |.................................(iii)
इसप्रकार, समी0 (ii) और (iii) से, हमें यह पता चलता है कि a और b का उभयनिष्ठ
गुणनखंड 5 है | जो हमारी कल्पना ( a और b में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है) के
विपरीत है |
यह विरोधाभास हमारी त्रुतुपूर्ण कल्पना के कारण हुआ है कि √5 एक परिमेय संख्या है, अतः √5 एक अपरिमेय संख्या है |
प्रश्न 02 -
सिद्ध कीजिये कि 3 + 2 5 एक अपरिमेय संख्या है |
हल -
माना कि 3 + 2 5 एक परिमेय संख्या है |
इसलिए, माना
जहाँ a और b पूर्णांक हैं तथा a और b में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ट गुणनखंड नहीं है |
क्यूंकि a और b पूर्णांक हैं इसलिए 1 2 a b − 3 एक परिमेय संख्या है | इसलिए 5 भी एक परिमेय संख्या होगी |
लेकिन हम जानते हैं कि 5 एक अपरिमेय संख्या है यह विरोधाभास हमारी त्रुटिपूर्ण कल्पना के कारण हुआ है कि 3 + 2 5 एक परिमेय संख्या है | अतः 3 + 2 5 एक अपरिमेय संख्या है |
प्रश्न 03 -
सिद्ध कीजिये कि निम्नलिखित संख्या अपरिमेय हैं -
(i) 1 2 (ii) 7 5 (iii) 6 + 2
हल (i)-
माना कि 1 2 एक परिमेय संख्या है
इसलिए, माना
1 2 = a b , b ≠ 0
जहाँ a और b पूर्णांक हैं तथा a और b में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है |
1 2 = a b , 2 = b a
2 a 2 = b 2 ..............................................(i)
अतः 2 b 2 को विभाजित करता है |
इसलिए 2, b को विभाजित करेगा | ..............................(ii)
अब, माना b = 2 k , जहाँ k कोई पूर्णांक है |
समी0 (i) में b का मान रखने पर ,
a 2 = 2 k 2
अतः 2, a 2 को विभाजित करता है |
इसलिए, 2 भी a को विभाजित करेगा |.............................(iii)
इसप्रकार, समी0 (ii) और (iii) से, हमें यह पता चलता है कि a और b का उभयनिष्ठ गुणनखंड 2 है | जो हमारी कल्पना ( a और b में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है) के विपरीत है |
यह विरोधाभास हमारी त्रुतुपूर्ण कल्पना के कारण हुआ है कि 1 2 एक परिमेय संख्या है, अतः 1 2 एक अपरिमेय संख्या है |
हल (ii) -
माना कि 7 5 एक परिमेय संख्या है |
इसलिए, माना
जहाँ a और b पूर्णांक हैं तथा a और b में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ट गुणनखंड नहीं है |
क्यूंकि a और b पूर्णांक हैं इसलिए a 7 b एक परिमेय संख्या है | इसलिए 5 भी एक परिमेय संख्या होगी |
लेकिन हम जानते हैं कि 5 एक अपरिमेय संख्या है यह विरोधाभास हमारी त्रुटिपूर्ण कल्पना के कारण हुआ है कि 7 5 एक परिमेय संख्या है | अतः 7 5 एक अपरिमेय संख्या है |
हल (iii) -
माना कि 6 + 2 एक परिमेय संख्या है |
इसलिए, माना
जहाँ a और b पूर्णांक हैं तथा a और b में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ट गुणनखंड नहीं है |
क्यूंकि a और b पूर्णांक हैं इसलिए a − 6 b b एक परिमेय संख्या है | इसलिए 2 भी एक परिमेय संख्या होगी |
लेकिन हम जानते हैं कि 2 एक अपरिमेय संख्या है यह विरोधाभास हमारी त्रुटिपूर्ण कल्पना के कारण हुआ है कि 6 + 2 एक परिमेय संख्या है | अतः 6 + 2 एक अपरिमेय संख्या है |