Dehradun: उत्तराखंड में शिक्षकों की स्थानांतरण पर आई नई अपडेट शिक्षकों की तबादला नीति पर भी लगी मुहर
Dehradun: हरियाणा की तर्ज पर तैयार की गई शिक्षा विभाग की तबादला नीति को भी मुख्य सचिव समिति ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वह इस नीति पर विभागीय मंत्री से अनुमोदन ले लें। इसके बाद मुख्य सचिव समिति के जरिए इसका अनुपालन किया जा सकता है। मालूम हो कि मुख्य सचिव समिति से मंजूरी हासिल कर चुके प्रस्तावों को अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को भेजा जाता है। इन प्रस्तावों को लागू करने अथवा नहीं करने का फैसला मुख्यमंत्री स्तर से लेते हैं।
Dehradun: उत्तराखंड में इस साल भी 15% ही तबादले
प्रदेश में पिछले साल की तरह इस साल भी रिक्त पदों के सापेक्ष 15% ही तबादले किए जाएंगे। यदि विभागों को ज्यादा तबादलों की जरूरत महसूस होती है तो वह तबादला एक्ट के तहत गठित मुख्य सचिव समिति धारा 27 से अनुमति ले सकते हैं। उधर शिक्षा विभाग को स्कूलों में छात्र संख्या के अनुसार शिक्षकों की आवश्यकता का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षकों के तबादले छात्र संख्या की जरूरत के अनुसार ही किए जाएंगे।
1. जरूरत पर मुख्य सचिव समिति की मंजूरी से तबादलों की तादाद बढ़ा सकेंगे विभाग
2. स्कूलों में छात्र संख्या के अनुसार बढ़ाई जा सकती शिक्षकों के स्थानांतरण की संख्या
अहम फैसले
1. सैनिक पति पत्नी होने पर कार्मिकों को तबादले में विशेष छूट।
2. जेईई एई का ग्रह सबडिवीजन और तहसील में नहीं होगा तबादला।
3. अधिशासी अभियंता का तबादला होम डिवीजन में नहीं होगा।
धारा 27 के सभी पुराने प्रस्ताव बैठक में खारिज
तबादला एक्ट के तहत गठित मुख्य सचिव समिति के लिए तैयार किए गए विभिन्न विभागों के तबादले के मामलों जैसे धारा 27 को फिलहाल खारिश करने पर सहमति बनी है। सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव ने कहा कि अब नया तबादला सत्र आ गया है इसलिए इन सभी प्रस्तावों को विधिवत रूप से नई प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
नई नीति से अगले सत्र में हो सकेंगे शिक्षकों के स्थानान्तरण
Dehradun: प्रदेश में शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए हरियाणा की भांति बनाई जा रही नई नीति चालू सत्र में क्रियान्वित होने के आसार कम ही हैं। इस सत्र में वर्तमान स्थानांतरण एक्ट के अनुसार ही शिक्षा विभाग में स्थानांतरण तय हैं। अगले शैक्षिक सत्र से नई नीति को क्रियान्वित किया जा सकता है।
प्रदेश में स्थानांतरण को लेकर शिक्षकों में और संतोष को देखते हुए सरकार ने नई नीति तय करने का निर्णय किया। हरियाणा की भाति बनाई जा रही इस नीति में स्थानांतरित से जूझ रहे हर कार्य अनिवार्य रूप से ऑनलाइन ही होगा। नई नीति में सुगम और दुर्गम की छह श्रेणियों का निर्धारण किया गया है। इसमें शिक्षकों को उनकी तैनाती अवधि के अनुसार सुगम से दुर्गम और दुर्गम से सुगम की ओर श्रेणीवार स्थानांतरित किया जा सकेगा। नई नीति के संबंध में कार्मिक ने कुछ संशोधन के सुझाव दिए थे। विभाग की ओर से किए गए इन संशोधन के बाद कार्मिक की ओर से इस नीति को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने इस नीति को और व्यवहारिक बनाने को कहा है, ताकि अधिक संख्या में शिक्षकों को इसका लाभ मिल सके। नीति पर अभी मंथन जारी रहेगा ऐसे में इसे कैबिनेट में प्रस्तुत करने में विलंब हो सकता है। उच्च स्तर से प्राप्त संकेतों के अनुसार नई नीति का क्रियान्वयन चालू सत्र 2023 24 में होना संभव नहीं है, ऐसे में स्थानांतरण एक्ट के अनुसार ही शिक्षकों व कार्मिकों को अधिक राहत देने की तैयारी है इस पर सहमति बन भी चुकी है।
दिव्यांगों के शत-प्रतिशत ट्रांसफर पर सहमति
प्रदेश में दिव्यांग कर्मियों के शत प्रतिशत तबादले पर सहमति बनी है। हालांकि इससे पहले दिव्यांगों को उच्च स्तरीय जांच से गुजरना होगा। मेडिकल बोर्ड से जारी प्रमाण पत्रों व दिव्यांगता की जांच को राज्य स्तर पर उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी। इसमें विशेषज्ञ डॉक्टर भी रहेंगे कमेटी की सिफारिश के आधार पर तबादला कर दिया जाएगा।