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उत्तराखंड में अब 13 साल बाद बदलेगा शिक्षकों की वरिष्ठता का क्रम

13 साल बाद बदलेगा शिक्षकों की वरिष्ठता का क्रम

समाचार पत्र के माध्यम से : उत्तराखंड लोक सेवा अभिकरण ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्रवक्ता के एक हजार से अधिक पदों पर नियुक्त शिक्षकों की वरिष्ठता के विवाद का पटाक्षेप कर दिया है। अभिकरण के आदेश को शिक्षा सचिव ने विभाग को भेजा है। इसके अनुसार वर्ष 2012 की वरिष्ठता सूची को नियम विरुद्ध करार देकर निरस्त कर दिया है। अभिकरण ने उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से जारी संयुक्त मेरिट सूची के आधार पर नए सिरे से वरिष्ठता क्रम तैयार करने के आदेश विभाग को दिए हैं। यह नियुक्तियां वर्ष 2012 से पूर्व अलग-अलग वर्षों में हुई हैं। वर्ष 2018 में माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से वरिष्ठता निर्धारण को लेकर दिए गए प्रत्यावेदन को खारिज करने का निर्णय भी अभिकरण ने निरस्त कर दिया है। इस आदेश के बाद प्रवक्ताओं का वरिष्ठता क्रमांक बदल जाएगा। साथ ही संयुक्त मेरिट सूची में शीर्ष पर बने शिक्षकों को पहले पदोन्नति का रास्ता भी साफ हो गया है।

लोक सेवा अधिकरण, नैनीताल की ओर से पारित आदेश के अनुपालन के लिए विभाग को निर्देशित किया गया है।

वर्ष 2005-2006 की उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रवक्ता सीधी भर्ती के दौरान तैयार की गई ज्येष्ठता निर्धारण सूची नियुक्त कार्मिकों पर लागू की जाए। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देशित किया गया है।

रविनाथ रमन, शिक्षा सचिव

है। आयोग ने पांच अक्टूबर, 2003 को 19 विषयों संबंधित पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था स्वीकृति के बाद आयोग ने विषय की चयन सूची जारी की। सबसे पहले अंग्रेजी, भौतिकी व सबसे अंत में जीवन विज्ञान विषय में चयनित प्रवक्ताओं की चयन सूची में स्वन दिया गया था। शिक्षा विभाग के स्तर पर नवंबर, 2005 में अंग्रेजी और जुलाई, 2006 में जीव विज्ञान प्रवक्ताओं की सूची जारी की गई।

मेरिट के आधार पर वरिष्ठता होगी तय

शासन ने शिक्षकों के लिए जारी किया आदेश

देहरादून। शिक्षा विभाग में राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की मौलिक नियुक्ति के आधार पर वरिष्ठता को निरस्त कर आयोग की संयुक्त मेरिट के आधार पर वरिष्ठता तय होगी। लोक सेवा अभिकरण के फैसले के बाद शासन ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इससे विभाग में पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित होगी।

शिक्षा विभाग ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2005-06 में हुई करीब 1200 प्रवक्ताओं की भर्ती में एक चयन वर्ष के बावजूद अलग-अलग विषयों के शिक्षकों को मौलिक नियुक्ति के आधार पर वरिष्ठता दी। शिक्षक डॉ.नंदन सिंह बिष्ट ने इसे उत्तराखंड सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली 2002 की अनदेखी बताते हुए मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने मामले को लोक सेवा अभिकरण में ले जाने का फैसला सुनाया था। शिक्षकों की वरिष्ठता से जुड़े इस मामले को 2019 में लोक सेवा अभिकरण में ले जाया गया।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 23 सितंबर 2021 को हुई त्रिपक्षीय बैठक में 2005-06 के आयोग से नियुक्ति शिक्षकों की वरिष्ठता को आधार पर वरिष्ठता देने का निर्णय हुआ था, लेकिन इस निर्णय पर कार्रवाई नहीं हुई। यहीं वजह है कि शिक्षकों को इस मामले में न्यायालय जाना पड़ा।

-डॉ. सोहन माजिला, पूर्व प्रांतीय महामंत्री, राजकीय शिक्षक संघ

18 अक्तूबर 2024 को लोक सेवा अभिकरण के फैसले के बाद शासन ने अब इस संबंध में आदेश जारी किया है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने जारी आदेश में कहा, आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की 29 मार्च 2012 की वरिष्ठता सूची को निरस्त करते हुए लोक सेवा आयोग से जारी संयुक्त मेरिट सूची के आधार पर प्रवक्ताओं की वरिष्ठता तय की जाएगी।

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