मुंबई@ पत्रिका. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने अपने खुदरा ग्राहकों के लिए इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आई एम पी एस) ट्रांजेक्शन चार्ज में बदलाव किया है। नई दरें 15 अगस्त, 2025 से लागू होंगी। बैंक ने साफ किया है कि नए नियम के तहत ऑनलाइन और ब्रांच चैनल पर अलग-अलग चार्ज लगाए जाएंगे। 25,000 रुपए से छोटे ऑनलाइन लेन-देन पर अब भी राहत बरकरार है, लेकिन बड़े लेन-देन महंगे हो जाएंगे।
ट्रांजेक्शन (₹ में) | मौजूदा | 15 अगस्त से |
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25,000 तक | फ्री | फ्री |
25,001- 1 लाख | फ्री | ₹2+जीएसटी |
1 लाख-2 लाख | फ्री | ₹6+जीएसटी |
2 लाख-5 लाख | फ्री | ₹10+जीएसटी |
5 लाख से ज्यादा | -- | ₹20+जीएसटी |
ट्रांजेक्शन | एसबीआई | पीएनबी | केनरा बैंक |
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10,000 तक | ₹2 | ₹6 | ₹3 |
10-25 हजार | ₹2 | ₹6 | ₹5 |
25 हजार-1 लाख | ₹5 | ₹6 | ₹8 |
1 लाख-2 लाख | ₹15 | ₹12 | ₹15 |
2 लाख-5 लाख | ₹20 | ₹12 | ₹20 |
एसबीआई के शुल्क और बचाव के तरीके
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने IMPS (इमीडिएट पेमेंट सर्विस) लेनदेन के शुल्कों में बदलाव किए हैं, जो 15 अगस्त, 2025 से लागू हुए हैं। इन शुल्कों से बचने या अतिरिक्त जानकारी के बारे में दस्तावेज़ में निम्नलिखित बातें बताई गई हैं:
शुल्क से कैसे बचा जा सकता है
दस्तावेज़ में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि:
- 25,000 रुपये तक के ऑनलाइन लेनदेन (IMPS के माध्यम से) पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
इसका मतलब है कि यदि आप 25,000 रुपये या उससे कम की राशि ऑनलाइन भेजते हैं, तो आप इस शुल्क से बच सकते हैं।
बैंक द्वारा कही गई अन्य बातें
- छोटे लेनदेन पर राहत: बैंक ने कहा है कि "छोटे ऑनलाइन लेन-देन पर अब भी राहत बरकरार है।"
- बड़े लेनदेन महंगे: बैंक ने यह भी कहा है कि "बड़े लेन-देन महंगे हो जाएंगे।"
- अलग-अलग चैनल पर अलग शुल्क: बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि "नए नियम के तहत ऑनलाइन और ब्रांच चैनल पर अलग-अलग चार्ज लगाए जाएंगे।"
संक्षेप में, दस्तावेज़ के अनुसार, शुल्क से बचने का एकमात्र तरीका 25,000 रुपये तक का लेनदेन करना है। बैंक ने इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं बताया है।